उत्तर प्रदेश में पेपर लीक होन से बचने के लिए नहीं नीति बनाई गई । अलग-अलग कामों के लिए चार एजेंसियों का चयन किया जाएगा। परीक्षार्थियों को अपने ग्रह मंडल से बाहर परीक्षा देनी होगी।
पेपर लिखो रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया निर्णय।
पुलिस भर्ती और आरओ - एआरओ परीक्षा में नकल माफिया की सेंध के बाद प्रदेश सरकार ने अब भर्ती परीक्षाओं की पेपर लीक होने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन की नीति मे व्यापक बदलाव किए हैं । अब कोई भी प्रतियोगी परीक्षा एक ही एजेंसी के की भरोसे नहीं होगी । अब प्रतियोगी परीक्षाओं को करनेके लिए चार एजेंसियों का चयन किया जाएगा । अब परीक्षार्थियों को अपने क्षेत्र से बाहर जाकर की परीक्षा देनी होगी। प्रत्येक पाली के लिए कम से कम दो प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे ।
यह नीति क्रमिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी की और से जारी की गई है।
कौन सी एजेंसी क्या कार्य करेगी?
पहले एजेंसी प्रश्न पत्र तैयार कर छाप आएगी वह उसे सभी जिलों की कोषागार मैं भेजेगी।
दूसरी एजेंसी कोषागार से प्रश्न पत्र परीक्षा केदो तक पहुंच कर परीक्षा करावेगी वह ओएमआर शीट का चयन आयोग को देगी ।
तीसरी एजेंसी परीक्षा केदो पर सुरक्षा व्यवस्था का कार्य जैसे सिक्योरिटी बायोमेट्रिक तलाशी सीसीटीवी कंट्रोल रूम आदि की स्थापना करेंगी।
चौथी एजेंसी ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग या फिर बोर्ड परिसर में ही कराकर परीक्षा का स्कोर चयन संस्था को उपलब्ध कराएगी।
इस नीति में क्या खास है?
- प्रश्न-पत्र गोपनीय सुरक्षा चिन्ह गोपनीय ढंग से प्रेस का चयन
- जहां पर पेपर प्रिंट किए जाएंगे वहां पर चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे।
- सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों का तुरंत खंडन किया जाएगा।
- ओएमआर तहसील कोट समय दो अभ्यर्थियों के होंगे हस्ताक्षर।
परीक्षार्थियों के सत्यापन में सख्ती
परीक्षार्थियों के सत्यापन में बहुत सक्ति बरती जाएगी हस्ताक्षर हुआ फोटो का मिलान परीक्षा केंद्र पर होंगा। बायोमेट्रिक लेते समय बाए हाथ का अंगूठा व आंखों की पुतलियां को ठीक से कैप्चर किया जाएगा। लिखित परीक्षा के समय लिए गए बायोमैट्रिक डाटा का मिलन काउंसलिंग के समय किया जाएगा ।