सिपाही से बने डेप्युटी S.P से वापस बन गए सिपाही आशिकी के चक्कर में यूपी पुलिस के CO साहब ने अपना demotion करवा लिया

उन्नाव जिले की बीघापुर सर्किल में पोस्टेड डेप्युटी एसपी कृपाशंकर कन्नौजिया को demote किया गया। 
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डीएसपी कृपाशंकर कन्नौजिया 



हाइलाइट्स
  • उन्नाव के बीघापुर सर्किल में Posted थे डीएसपी कृपाशंकर कन्नौजिया 
  • सहयोगी महिला सिपाही के प्रेम में पड़ गये थे
  • कानपुर के होटल में पकड़े गए तो पुलिस विभाग का ऐक्शन
  • गोरखपुर पीएसी में बतौर प्रथम कांस्टेबल वापस भेजा गया
 लखनऊ/उन्नाव: अवकाश लेकर कानपुर में महिला सिपाही के साथ आशिक करना डेप्युटी एसपी कृपाशंकर कन्नौजिया को इस कदर भारी पड़ेगी उन्होंने सोचा न था। रंगरेलियां मनाते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद हुई विभागीय जांच के नतीजे ने उन्हें डेप्युटी एसपी  से सीधे सिपाही बना दिया। साहब गोरखपुर स्थित पीएसी की जिस 26वीं वाहिनी में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात थे। अब वहीं उनकी ड्यूटी सिपाही के रूप में वाहिनी व्यवस्था में लगा दी गई है। 

घर में काम बताकर ली छुट्टी 

घर में कम बात कर छुट्टी तो ली लेकिन घर नहीं पहुंचे । यह बात 
जुलाई 2021 की है।  कृपाशंकर कन्नौजिया उस दौरान उन्नाव जिले की बीघापुर सर्किल में तैनात थे। सहयोगी महिला सिपाही के साथ उनका प्रेम प्रसंग चल रहा था । इश्क में डूबे C.O साहब ने घर में जरूरी काम बताकर 6 जुलाई को अपने कप्तान से छुट्टी ली। लेकिन घर नहीं पहुंचे। घरवालों ने उनके फोन पर संपर्क किया लेकिन बात नहीं हो पाई। घबराई पत्नी ने अनहोनी की आशंका जताते हुए उन्नाव के एसपी से संपर्क किया। डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी की गुमशुदगी की सूचना ने साहब को चिंता में डाल दिया। उनकी तलाश के लिए जिले की सर्विलांस टीम के साथ अन्य पुलिस टीमों को लगा दिया गया।

कानपुर में मिली थी लोकेशन

सर्विलांस टीम ने जान बीन शुरू की तो पता चला कि उनकी आखिरी लोकेशन कानपुर के माल रोड में आई है। सर्विलांस टीम सीओ को तलाशते हुए माल रोड के एक होटल में पहुंची। वहां उनकी फोटो दिखाकर मैनेजर से पूछा कि क्या ये यहां आए थे। मैनेजर ने बताया कि साहब किसी महिला के साथ होटल के कमरे में ही रुके हुए हैं। टीम ने सीओ साहब से संपर्क कर कहा कि घरवाले परेशान हैं वह पत्नी से बात कर लें।

DGP मुख्यालय ने लिया ऐक्शन

C.O ने पत्नी को वीडियो कॉल करके बताया कि वह किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए कानपुर आए हैं। लेकिन सीओ साहब की पूरी पोल  खुल गई। डीजीपी मुख्यालय ने सीओ को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें डिमोट करके उनके मूल पद पर भेज दिया गया है।

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