यूजीसी नेट पेपर लीक मामले की शुरुआती जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पेपर लीक होने की जानकारी 17 जून कोमिल गई थी। गृह मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय को जानकारी दी गई इससे पहले भी प्रसारित होने के कारण इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया । पेपर 18 जून को अपनी समय पर कराया गया , पेपर होने के बाद सभी लोग टेंशन में तब आए जब टेलीग्राम पर मिले पेपर का परीक्षा के बाद यूजीसी नेट के दोनों सीफ्टो के पेपर का मिलान कराया गया पेपर पूरी तरीके से हग मैच हो रहा था। इसके बाद नता और शिक्षा मंत्रालय हरकतमें आया । तब यूजीसी के पास भी पेपर लीक की जानकारी पहुंच गई थी जिसे 5000₹ में कई शहरों में बेचे जाने की भी जानकारी मिली।
- टेलीग्राम के जरिए देश भर में पहुंचा था पेपर।
- परीक्षा से एक दिन पहले ही लीक हो गया था पेपर।